11 योजनाओं पर संकट: सीएम के आदेश के बाद 30 दिन में पूरी करनी होगी जरूरी प्रक्रिया
📌 क्यों जारी हुआ निर्देश?
सरकार की मंशा यह सुनिश्चित करने की है कि योजनाओं का लाभ सही पात्र लोगों तक पहुंचे और किसी प्रकार की गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा न हो। कुछ समय से ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लाभार्थियों की मौत के बाद भी राशि जारी है, कुछ राज्य छोड़कर चले गए हैं, या फिर पात्रता खत्म होने के बाद भी लाभ ले रहे हैं। इसी वजह से सभी को KYC अपडेट, आधार लिंकिंग और बैंक विवरण की पुष्टि करने के लिए कहा गया है।
📋 इन 11 योजनाओं पर है रोक का खतरा
वित्त विभाग द्वारा जारी पत्र में इन 11 योजनाओं का जिक्र किया गया है, जिनमें हर साल करीब 33 हजार करोड़ रुपये की राशि वितरित की जाती है:
- कृषक उन्नति योजना
- महतारी वंदन योजना
- हाफ बिजली बिल योजना
- एकल बत्ती कनेक्शन योजना
- मुख्यमंत्री खाद्यान सहायता योजना
- नमक या शक्कर प्रदाय योजना
- चना प्रदाय योजना
- कृषि मजदूर कल्याण योजना
- राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना
- मुख्यमंत्री सुपोषण योजना
- मुख्यमंत्री सार्वभौम पीडीएस योजना
👥 लाभार्थियों को क्या करना होगा?
- आधार कार्ड को अपने बैंक खाते से लिंक कराएं।
- बैंक खाते की KYC प्रक्रिया पूरी करें।
- IFSC, खाता संख्या और अन्य विवरण सही-सही अपडेट करें।
- आवश्यकता पड़ने पर CSC सेंटर या बैंक शाखा की मदद लें।
⏳ समयसीमा सिर्फ 30 दिन
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी करनी होगी। यानी यदि लाभार्थी समय रहते जानकारी अपडेट नहीं करते हैं, तो उनकी DBT राशि अगली किस्त से रोक दी जाएगी।
✅ क्या होगा फायदा?
- समय पर प्रक्रिया पूरी करने वाले लाभार्थियों को राशि मिलती रहेगी।
- धोखाधड़ी और डुप्लीकेट लाभार्थियों पर रोक लगेगी।
- सरकार और जनता, दोनों के लिए योजनाएँ ज्यादा पारदर्शी और सुरक्षित बनेंगी।
🌐 आगे की संभावनाएँ और जनता की चिंता
सरकार द्वारा तय की गई यह शर्तें भले ही कठोर लगें, लेकिन इनका उद्देश्य योजनाओं की पारदर्शिता और सही क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। राज्य में कई बार ऐसी शिकायतें सामने आईं कि कुछ लोग पात्रता खत्म होने के बावजूद लाभ लेते रहे। वहीं, कई लाभार्थियों ने कभी बैंक खाता या KYC अपडेट नहीं कराया, जिसके कारण वितरण प्रणाली बाधित हुई। इन खामियों को दूर करने के लिए ही सरकार ने 30 दिन की समयसीमा तय की है।
गौरतलब है कि इन योजनाओं से प्रतिवर्ष लाखों परिवारों को सीधी आर्थिक मदद मिलती है। यदि यह सहायता अचानक रुक जाए, तो गरीब वर्ग, किसान और मजदूरों पर बड़ा असर पड़ सकता है। इसलिए लाभार्थियों में चिंता भी बढ़ी है। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह प्रक्रिया केवल पात्र और सही लोगों तक पैसा पहुँचाने के लिए है, न कि किसी को परेशान करने के लिए।
लाभार्थियों को चाहिए कि वे समय रहते अपने दस्तावेजों की जांच और सुधार कर लें। डिजिटल सुविधा के कारण अब अधिकांश कार्य ऑनलाइन या नजदीकी केंद्रों पर आसानी से किए जा सकते हैं। यदि यह अपडेट समय पर पूरा हो जाता है, तो भविष्य में योजनाओं की राशि पाने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी और पात्र परिवारों को उनका हक समय पर मिलता रहेगा।