जीएसटी 2.0: आम लोगों के लिए राहत — रोजमर्रा की चीज़ें होंगी सस्ती
1. GST 2.0 — परिचय और मुख्य बदलाव
जीएसटी 2.0 का उद्देश्य कर व्यवस्था को सरल बनाना और आम उपभोक्ता की जेब पर बोझ कम करना है। जीएसटी 2.0 में पारंपरिक कई स्लैबों को संकुचित कर मुख्यतः 5% और 18% स्लैब बनाए गए हैं, जबकि विनियमन के तहत लग्जरी व हानिकारक वस्तुओं के लिए 40% का उच्च स्लैब रखा गया है।
वित्त मंत्री के अनुसार, जीएसटी 2.0 के जरिये 12% और 28% स्लैब की अधिकांश वस्तुएँ क्रमशः 5% और 18% में समाहित कर दी जाएँगी — इससे उपभोक्ताओं को तत्काल राहत मिलनी चाहिए।
2. किन वस्तुओं पर जीएसटी 2.0 के तहत टैक्स घटा दिया गया
जीएसटी 2.0 के तहत रोजमर्रा की ज़रूरी चीज़ों पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है — इससे परिवारों की मासिक बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा। प्रमुख श्रेणियाँ:
🏠 घरेलू उपयोग की वस्तुएं
- हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, शेविंग क्रीम
- वनस्पति तेल, मक्खन, घी, पनीर, पैक्ड जूस, बिस्कुट, नूडल्स
- सिलाई मशीन, किचनवेयर, बर्तन
🏥 स्वास्थ्य और दवाइयाँ
- थर्मामीटर, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर टेस्ट स्ट्रिप्स
- जीएसटी 2.0 के तहत अधिकांश दवाइयाँ रियायती 5% दर पर आ गई हैं
🚗 वाहन और कृषि उपकरण
- छोटी कारें (1200cc पेट्रोल / 1500cc डीजल तक) — टैक्स कम कर 18%/5% के हिसाब से समायोजित
- 350cc तक मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहन, ट्रैक्टर आदि पर रियायत
| वस्तु | पुरानी दर | नई दर (GST 2.0) |
|---|---|---|
| शैम्पू, टूथपेस्ट | 12-18% | 5% |
| छोटी कारें | 28% | 18% |
| ट्रैक्टर | 12% | 5% |
| एयर कंडीशनर | 28% | 18% |
| डेयरी उत्पाद | 12% | 5% |
3. शून्य प्रतिशत (0%) पर आने वाली वस्तुएँ — जीएसटी 2.0 का अधिकार
कुछ आवश्यक वस्तुएँ और सेवाएँ पूरी तरह करमुक्त रखी गईं ताकि सबसे निचले आय वर्ग को प्रभावी राहत मिल सके:
- गेहूं, चावल, दालें, आटा, ब्रेड
- दूध एवं डेयरी उत्पाद
- स्कूल शिक्षा, हॉस्टल शुल्क, किताबें
- अस्पताल सेवाएँ, लैब टेस्ट और आपातकालीन चिकित्सा
- कई स्टेशनरी आइटम और व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा
4. 18% और 40% स्लैब — क्या बचा और किसे ज्यादा टैक्स देना होगा?
जीएसटी 2.0 में कई सेवाएँ और कुछ वाहन 18% स्लैब में रखे गए हैं। वहीं सिन गुड्स और विलासी/हानिकारक वस्तुओं पर सरकार ने 40% तक का उच्च कर रखा है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य और राजस्व दोनों संतुलित रहें।
18% में जिन सेवाओं को रखा गया है
- टेलीकॉम सेवाएँ, बैंकिंग और बीमा सेवाएँ
- कुछ रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएँ और बड़े वाहन
40% — सिन गुड्स और लग्जरी
- सिगरेट, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू
- अत्यधिक चीनी वाले कार्बोनेटेड पेय
- लक्जरी कारें, व्यक्तिगत एयरक्राफ्ट, सुपर-लक्जरी गुड्स
5. चुनौतियाँ और लागू करने में आने वाली मुश्किलें
जहाँ जीएसटी 2.0 उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा, वहीं सरकार के सामने यह चुनौती है कि टैक्स कटौती का लाभ वास्तविक रूप में उपभोक्ता तक पहुंचे। पिछले अनुभवों में कंपनियाँ कभी-कभी कीमतें बढ़ाकर बची हुई कटौती को मुनाफे में बदल देती हैं — इसलिए कड़ी निगरानी और मूल्य-नियंत्रण की आवश्यकता होगी।
6. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1. जीएसटी 2.0 कब लागू होगा?
👉 आधिकारिक घोषणा के अनुसार 22 सितंबर 2025 से जीएसटी 2.0 लागू होगा।
Q2. क्या रोजमर्रा की चीजें वाकई सस्ती होंगी?
👉 जीएसटी 2.0 में कई आवश्यक आइटम 5% या 0% पर आ गए हैं — इससे उपभोक्ता को तात्कालिक रूप से राहत मिलने की संभावना है।
Q3. क्या सभी पर टैक्स घटेगा?
👉 नहीं। लक्जरी और सिन गुड्स पर उच्च कर लागू रहेगा। लक्ष्य यह है कि ज़रूरी वस्तुएँ सस्ती हों और हानिकारक/लक्जरी पर अधिक कर रहे।
Q4. व्यापारियों को कैसे फायदा होगा?
👉 स्लैब घटने से GST कंप्लायंस सरल होगा और अकाउंटिंग में सहूलियत आएगी — यह छोटे व्यापारियों के लिए सकारात्मक कदम है।
7. निष्कर्ष — जीएसटी 2.0 का समग्र प्रभाव
जीएसटी 2.0 कर व्यवस्था में एक बड़ा सुधार है जो उपभोक्ता और छोटे व्यापारियों दोनों को लाभ देने की क्षमता रखता है। सही कार्यान्वयन और मूल्य-निगरानी के साथ यह सुधार घरेलू मांग बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में गतिविधि बढ़ाने में सहायक साबित हो सकता है।
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